न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजीव फौजदार के निर्देशन में शनिवार को भारत की स्वतंत्रता को 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी के अमृत महोत्सव के संदर्भ में एडीआर भवन के सभागार में विधिक सेवाओं के प्रचार-प्रसार हेतु विधिक साक्षरता व जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्थाई लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी दिनेश कुमार शर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि जनउपयोगी सेवाओं से सम्बंधित वादों को प्रीलिटिगेशन सुलह और समझौते के आधार पर निस्तारण हेतु धारा-22 बी विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अंतर्गत जनपद न्यायालय में स्थाई लोक अदालत का गठन किया जा चुका है। उन्होने बताया कि जन सामान्य अपने उपरोक्त वादों को सुलह समझौते के आधार पर सुलझाने की सुविधा का लाभ उठाये। जन उपयोगी सेवाओं में वायु मार्ग, सड़क मार्ग तथा जल मार्ग द्वारा यात्री अथवा माल को भेजने संबंधी परिवहन सेवा तथा डाक, टेलीग्राफ या टेलीफोन सेवा तथा किसी संस्थान द्वारा जन सामान्य को पानी, प्रकाश व पावर पूर्ति करने की सेवा तथा स्वच्छता की जन संरक्षण व्यवस्था तथा अस्पताल अथवा डिस्पेंसरी, औषधालय में सेवा तथा बीमा सेवा तथा अन्य कोई सेवा जिसे केंद्र अथवा राज्य सरकार जन उपयोगी घोषित करें। इसमें कोई न्याय शुल्क नहीं है, इसके अवार्ड के विरुद्ध कोई अपील नहीं होती है, और न ही किसी प्रकार चैलेंज किया जा सकता है, इसके अवार्ड को दीवानी न्यायालय की डिक्री के समान प्रभावी माना जाता है।
उन्होने बताया कि प्रायः दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुलह समझौते के आधार पर अवार्ड किया जाता है, यदि किसी कारणवश समझौता हो नहीं पाता है, तब ही गुणदोष पर अवार्ड किया जाता है, कोई अपील नहीं है, केवल रिट दायर की जा सकती है। सुलह समझौते के आधार पर होने के कारण दोनों पक्षों का सम्मान बना रहता है। कोई भी पक्ष न्यायालय में आवेदन कर सकता है। विशेष बात यह है कि इस न्यायालय में केवल तब ही आवेदन किया जा सकता है जब मामला किसी न्यायालय में दाखिल नहीं किया गया है। अर्थात् यदि मामला किसी न्यायालय में दाखिल पहले किया जा चुका है तो इस न्यायालय में आवेदन नहीं किया जा सकता है। अभी केवल दस लाख तक के विवादों का क्षेत्राधिकार है। यदि अशमनीय अपराध का मामला है तो क्षेत्राधिकार नहीं है। विस्तृत विवरण के लिए धारा-22 ए, 22सी, 22डी, 22ई विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 देखें। इस अवसर पर स्थाई लोक अदालत के सदस्य कुमारी ललितेश प्रीति व राजू भारती भी उपस्थित रहे।

About Author

Join us Our Social Media