सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर रक्षा मंत्रालय ने छात्राओं को राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआईएमसी) और राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों (आरएमएस) में प्रवेश लेने की मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब छात्राओं को मिलिट्री स्कूल में प्रवेश मिल सकेगा। छात्राओं को सैन्य स्कूलों में प्रवेश देने की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में आरआईएमसी में प्रवेश के लिए प्रत्येक छह माह में पांच लड़कियों को शामिल कर सीटों की अधिकतम क्षमता 250 से बढ़ाकर 300 की जाएगी।

दो चरणों में मिलेगा प्रवेश

रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पहले चरण में लड़कियों को आरआईएमसी में प्रवेश के लिए जून, 2022 में होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी,जो जनवरी 2023 से शुरू होने वाले कार्यकाल के लिए होगी। इसी तरह दूसरे चरण में हर छह महीने में 10 लड़कियों को शामिल करने की क्षमता 300 से बढ़ाकर 350 की जाएगी। इस विस्तार के बाद आरआईएमसी में 250 लड़के और 100 लड़कियां होंगी। लड़कियों को आरआईएमसी में प्रवेश के लिए जून, 2027 में निर्धारित परीक्षा में जनवरी, 2028 से शुरू होने वाले कार्यकाल के लिए अनुमति दी जाएगी।

लड़कियों के अनुकूल तैयार किया जाएगा बुनियादी ढांचा

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे के अनुसार, अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक सहायता के साथ अतिरिक्त रिक्तियों को अधिकृत करने की आवश्यकता है। इसे दो चरणों में पूरा करने का प्रस्ताव है। हलफनामे में निजता,सुरक्षा और सुरक्षा के संबंध में लड़कियों के जीवन को सुगम बनाने के लिए स्कूल परिसर में लड़कियों के अनुकूल बुनियादी ढांचा तैयार करने की आवश्यकता की ओर इशारा किया गया है। यह भी कहा गया है कि अधिकारियों का एक बोर्ड उन मुद्दों की जांच कर रहा है ताकि लड़कियों के अनुकूल बुनियादी ढांचा और सहायक स्टाफ स्थापित किया जा सके।

कुल रिक्तियों का 10 प्रतिशत होगा आरक्षित

रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से कक्षा 6 में लड़कियों के प्रवेश के लिए प्रत्येक स्कूल में पहले चरण में कुल रिक्तियों का 10 प्रतिशत का कोटा शामिल होगा। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से आरएमएस में लागू विभिन्न आरक्षणों के अनुसार कक्षा 6 से 9 में प्रवेश के लिए प्रत्येक स्कूल में कुल रिक्तियों का 10 प्रतिशत आरक्षित होगा। राष्ट्रीय सैन्य स्कूल चैल (हिमाचल प्रदेश), अजमेर (राजस्थान), बेलगाम (कर्नाटक), बेंगलुरु (कर्नाटक) और धौलपुर (राजस्थान) में स्थित हैं। उपलब्ध सीटों में से लगभग 30 प्रतिशत सीटें सामान्य नागरिकों के बच्चों के लिए भी निर्धारित हैं। लगभग 350 सीटों के लिए दिसंबर में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है।

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