मेरठ: प्रदेश की राज्यपाल आनंद बेन पटेल ने कहा कि बच्चें आने वाले भारत का भविष्य हैं। बच्चों में बहुत प्रतिभा हैं, लेकिन हम पहचान नहीं कर पाते है। उनकी पहचान कर आगे बढ़ाने का काम हमें करना है। यदि भारत को फिर से विश्व गुरु बनना है तो बच्चों की ओर ध्यान देना होगा।

चौधरी चरण सिंह विवि के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में 251 आंगनबाड़ी केंद्रों को साधन संपन्न बनाने के लिए प्री स्कूल किट वितरण कार्यक्रम हुआ। विवि की कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने वर्चुअल रूप से कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों की उम्र और उनकी नॉलेज के हिसाब से पाठयक्रम तैयार करें। नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रयोग करके सीखने और सिखाने की प्रक्रिया को अपनाना होगा। इस दौरान पांच गर्भवती महिलाओं की गोदभराई और पांच बच्चों को अन्न प्राशन का कार्यक्रम भी किया गया। राज्यपाल ने कहा कि सामाजिक समरसता के लिए साधन संपन्न लोगों को जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कालेजों की ओर से सामग्री दी गई है। हर गांव में आंगनबाड़ी होती हैं। छोटे-छोटे बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर रहते थे। यहां हमें अपने बच्चों को यह भी सिखाना है कि पानी को बर्बाद नहीं करना है। छोटे बच्चों को खिलौने पसंद होते हैं, लेकिन हम उन्हें खेलने नहीं देते। कहीं सुविधाओं की भी कमी है, तो कहीं उनके पास जगह नहीं है। बच्चों को कैसे बात करना है, कैसे प्रार्थना करनी है, क्या करना है। ये सभी बात आंगनबाड़ी केंद्रों में सिखाई जानी चाहिए। आंगनबाड़ी की केंद्रों चारदीवारी पर भी शैक्षणिक चित्र होने चाहिए। किताबों में पानी, माता-पिता व मंदिर आदि के विषय में जानकारी होनी चाहिए। आंगनबाडी कार्यकत्रियों में बच्चों की प्रतिभा को पहचानने की क्षमता होनी चाहिए।

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