बुलंदशहर: गोरखपुर में खाकी की फ़ज़ीहत होने के बाद भी यूपी पुलिस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। खाकी का अब नया कारनामा बुलंदशहर में सामने आया है। जहां, कोतवाली सिटी में तैनात एडिशनल इंस्पेक्टर अजय कुमार बिना आला अफसरों की अनुमति के आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों को अलीगढ़ में ताला व्यवसायी की फैक्ट्री में दबिश देने पहुंच गया।
मारपीट के बाद व्यापारी के मुंह में तमंचा
आरोप है कि पुलिस ने ताला व्यवसायी अभिषेक तिवारी का अपहरण किया औऱ मारपीट के बाद व्यापारी के मुंह में तमंचा घुसा दिया। इससे मौके पर हंगामा खड़ा हो गया। हंगामा बढ़ता देख स्थानीय लोगों ने अलीगढ़ पुलिस को सूचना दी पुलिस मौके पर पहुंची तो बुलंदशहर की एडिशनल इंस्पेक्टर अजय कुमार ने खुद को बुलंदशहर सिटी कोतवाली का प्रभारी बताते हुए अपना परिचय पत्र अलीगढ़ पुलिस को दिखाया। इसके बाद बुलंदशहर पुलिस व्यापारी को स्कॉर्पियो में में डालकर ले गई। लेकिन कुछ दूर जाने के बाद बुलंदशहर की पुलिस व्यापारी को अलीगढ़ से हरिद्वागंज अलीगढ़ पुलिस स्टेशन छोड़ गई। इस मामले में पीड़ित ने आईजी मेरठ से शिकायत की।
इंस्पेक्टर अजय कुमार की भूमिका मिली संदिग्ध
आईजी ने बुलंदशहर एसएसपी को मामले की जांच सौंपी। प्रारंभिक जांच में इंस्पेक्टर अजय कुमार की भूमिका संदिग्ध मिली। इसलिए एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने इंस्पेक्टर अजय कुमार को सस्पेंड कर दिया है। एसएसपी के मुताबिक 16 सितंबर को राजीव कुमार नाम के शख्स ने अलीगढ़ के अभिषेक तिवारी के खिलाफ बुलंदशहर सिटी कोतवाली में 6.60 लाख रुपये के चेक बाउंस का एक मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में आला अधिकारियों की अनुमति के बगैर इंस्पेक्टर अजय कुमार गिरफ्तारी के लिए अलीगढ़ चले गए। क्योंकि मामले में गिरफ्तारी नहीं हो सकती थी। फिर भी इंस्पेक्टर गिरफ्तारी के लिए गए। इसलिए इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।