लखनऊ। यूपी कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट लंबे वक्त से चल रही थी, आखिरकार, रविवार को 7 नये मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली । छत्रपाल सिंह गंगवार ने उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली मंत्री के तौर पर उनके पास वक्त कम है। लेकिन, जिम्मेदारी जरुर बढ़ गई है । पार्टी ने उन पर जो भरोसा जताया है, अब छत्रपाल सिंह गंगवार को उस पर खरा उतरने की चुनौती होगी छत्रपाल सिंह गंगवार के मंत्री बनाये जाने के बाद बीजेपी कैसे इसका सियासी लाभ मिलने की उम्मीद कर सकती है बीजेपी छत्रपाल सिंह गंगवार को मंत्री बनाकर रुहेलखंड में कुर्मी समुदाय को साधने की कोशिश कर रही है। सिंचाई मंत्री धर्मपाल और वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल को मंत्रिमंडल से बाहर जाने के बाद, इस इलाके में पिछड़ी जातियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा था।

सांसद संतोष गंगवार को भी मोदी कैबिनेट से बाहर किया था। जिससे इस इलाके में बीजेपी को नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा था । छत्रपाल गंगवार को मंत्रिमंडल में शामिल करके सरकार ने कई समीकरणों को साधने की कोशिश की बात अगर छत्रपाल सिंह गंगवार के सियासी सफर कि करे तो बरेली के दमखोदा निवासी छत्रपाल सिंह बहेड़ी विधानसभा सीट से विधायक हैं । 2017 में दूसरी बार विधायक बने । छत्रपाल सिंह आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं, राजनीति में आने से पहले छत्रपाल सिंह अपने गृहजिले के धनी राम इंटर कॉलेज में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। क्योंकि छत्रपाल सिंह, संघ की पृष्टिभूमि से थे । इसीलिये 2002 में भाजपा ने उन्हें सियासत में एंट्री करवायी । छत्रपाल सिंह गंगवार अपना पहला चुनाव हार गए थे। लेकिन, 2007 में पहली बार विधानसभा पहुंचे । 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा . लेकिन, 2017 में बसपा प्रत्याशी नसीम अहमद को हराकर दोबारा से विधानसभा पहुंचे. उत्तराखंड की सरहद से लगते इस सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ था। इस क्षेत्र में लगातार कांग्रेस का दबदबा था। कांग्रेस केबाद समाजवादी पार्टी इस निर्वाचन क्षेत्र पर हावी रही । छत्रपाल सिंह गंगवार ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का दबदबा इस विधानसभा क्षेत्र से खत्म किया और बीजेपी का कमल खिलाया । अब जबकि उन्हें राज्य सरकार में मंत्री बनाया गया है तो उन की जिम्मेदारी भी बढ़ गयी है । छत्रपाल सिंह गंगवार को न सिर्फ अपने क्षेत्र में , बल्कि आस पास के इलाके और अपने समुदाय को बीजेपी के साथ जोड़े रखने का है।

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