चित्रकूट: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के संदिग्ध निधन से भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट के साधु-संतों में भारी आक्रोश व्याप्त है। कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल दास महाराज के नेतृत्व में धर्म नगरी के एक दर्जन से अधिक प्रमुख साधु-संतों ने मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन डीएम को सौंप कर प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कराने एवं दोषियों को मृत्यु दंड की सजा दिए जाने की मांग की गई।
बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की प्रयागराज के अल्लापुर स्थित बाघम्बरी मठ पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। घटना के बाद से पूरे देश के साधु-संत समाज में गहरा दु:ख है।इस घटना से चित्रकूट का संत समाज भी खासा दुखी नजर आ रहा है। बुधवार को विरक्त संत मंडल श्री चित्रकूटधाम के सचिव कामदगिरि प्रमुख द्वार के मंहत मदन गोपाल दास महाराज के नेतृत्व में ब्रम्हचारी सनकादिक महाराज, सीताशरण दास महाराज, सच्चिदानंद शरण महाराज, महंत रामबली दास त्यागी, दिनेश दास, ब्रजराज दास, हरिशरण, महंत माधव दास, अंजली शरण दास महाराज, रामप्रिय दास, अखिलेश्वर दास, राजकुमार दास, चून्नूराम दास आदि संतों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल को मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से संतों ने मुख्यमंत्री से महंत नरेंद्र गिरि के मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने एवं दोषी पाए जाने वालों को मृत्यु दंड की सजा दिलाने की मांग की है।
संतों का नेतृत्व कर रहे महंत मदन गोपाल दास महाराज ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आखिर ऐसे क्या कारक बने कि महंत ने आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाया। उन्होंने कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। यह संत समाज के लिए एक अपूर्णनीय क्षति है। जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी अखाड़ा परिषद के ही नहीं बल्कि हिंदू धर्म के भी संरक्षक थे। उनका इस तरह से जाना हिंदू धर्म के लिए अपूर्णनीय क्षति है। ब्रम्हचारी सनकादिक त्यागी ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी की मृत्यु से देश के साधु समाज को काफी आघात लगा है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए। यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि ये कहीं हिंदू समाज के खिलाफ कोई बड़ी सोची समझी साजिश तो नहीं है कि हत्या कर आत्महत्या का रूप दिया जा रहा हो। उन्होंने इसकी पूरी पारदर्शिता से जांच कराने के साथ -साथ दोषियों को मृत्यु दंड देने की मांग की है।