फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण एवं कोमल फाउंडेशन के सहयोग से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें ओजोन परत के क्षरण से पड़ने वाले स्वास्थ्य पर प्रभाव के संबंध में जागरूक किया गया।
मुख्य वक्ता वीके दुबे सहायक पर्यावरण अभियंता ने कहा कि भारत ओजोन परत के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रतीकात्मक रूप से प्रतिवर्ष 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व ओजोन दिवस का विषय मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल हम सुरक्षित हमारा भोजन एवं वैक्सीन सुरक्षित निर्धारित किया गया है। जिस तरह बारिश से बचने के लिए छत जरूरी है, उसी प्रकार सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचने के लिए वायुमंडल की ओजोन परत जरूरी है। देश में ओजोन परत क्षरण करने वाले तत्वों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ओजोन परत क्षरण हमारे वायुमंडल की प्राकृतिक संरक्षण क्षमता को घटा देता है। सूर्य की पराबैंगनी किरणों के सीधे धरती पर पहुंचने से मनुष्य के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में नगर में डेंगू बुखार जैसी बीमारियां फैली हुई हैं। सूर्य की पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान से बरतने वाली सावधानियों के साथ सचेत रहने से हम स्वास्थ्य संबंधी समस्या से बच सकते हैं। सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से मुख्य रूप से त्वचा का कैंसर समय से पहले बूढ़ा होना, आंखों में क्षति एवं इम्यून सिस्टम की सामान्य क्रियाशीलता पर प्रभाव पड़ता है। कार्यक्रम में मदन मोहन गौतम वैज्ञानिक सहायक, डॉ अतुल कुमार, दीपक यादव, कोमल फाउंडेशन के अध्यक्ष अश्वनी कुमार राजौरिया, बीएसएम पब्लिक स्कूल प्रधानाचार्य शैलेंद्र कुमार शर्मा, एसएस राजौरिया, मोहित शर्मा, मनोज शर्मा, अजय कुमार, कु. ईशा गुप्ता, यशवर्धन आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

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