फिरोजाबाद। आचार्य श्री विवेक सागर महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज उत्तम सत्य धर्म का दिन है। सत्य लोक में सारभूत है। सत्य ही परमेश्वर है। सत्य खान से निकले हुए स्वर्ण की भाँति शुद्ध और खरा होता है। इसका अनुसरण निश्चय ही पृथ्वी पर स्वर्ग है। सत्य बोलो, प्रिय बोलो, जो अप्रिय हो। ऐसा प्रिय भी न बोलो, जो असत्य हो यही स्नातक धर्म है। एक सुखद जीवन के लिए मस्तिष्क में सत्यता, होठों पर प्रसन्नता और ह्रदय में पवित्रता होना अनिवार्य है। जितने भी महापुरुष बने है सब सत्य से ही बने है। सत्य ही सर्वांग सुंदर है। जो व्यक्ति सत्य बोलता है वो कभी डरता नहीं है। वह निर्भय रहता है। एक छोटा सा झूठ बोलने पर व्यक्ति भयभीत रहता है। सत्य ही सारे संसार में सुख की खान है। सत्य ही जीवन का आधार है। श्रावक संस्कार शिविर आनन्द के साथ धर्म प्रभावना पूर्वक चल रहा है। जिसमें सैकड़ो श्रावक सम्मलित हैं। आचार्यश्री विवेकसागर महाराज के सोलह कारण व्रतों में 23 वाँ उपवास हैं।

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