लखनऊ: कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बीमारी को मात देने की जंग छेड़ दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर बुखार व संक्रमण के अन्य लक्षणों के मरीजों की पहचान कर उनके इलाज की व्यवस्था कर रहे हैं। सरकार ने डेंगू पीड़ित मरीजों का सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज करने का फैसला किया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक मच्छरों के काटने से डेंगू के 2073 मरीज मिलने की पुष्टि हुई है। डेंगू जलजनित बीमारी है। प्रदेश सरकार ने इस बीमारी को गंभीरता से लिया है। सीएम ने शहरी एवं ग्रामीण निकायों को क्षेत्र में साफ-सफाई करने के निर्देश दिए हैं। डेंगू पर नियंत्रण के लिए दिए गए निर्देशों का ठीक से अनुपालन कराने के लिए नोडल अफसरों को जिलों में भेजा गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के प्रयासों के चलते अब प्रदेश में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया तथा काला अजार के मामले नियंत्रण में हैं। मच्छर एवं जलजनित बीमारी के फैलाव को रोक पाना आसान कार्य नहीं है, लेकिन सूबे की सरकार 24 करोड़ से अधिक आबादी और 2,40, 928 वर्ग किमी में फैले 75 जिलों वाले उत्तर प्रदेश में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया तथा कालाजार के मामलों को फैलने से रोकने में जुटी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ट्रिपल टी (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट) के महाअभियान को चलाकर योगी सरकार ने कोविड महामारी के फैलाव को रोकने में सफलता पाई है। अब उसी तर्ज पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेंगू को भी मात देने की ठानी है। दुनियाभर में मच्छरों के कारण होने वाली डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया तथा कालाजार जैसी बीमारियां हर साल हजारों लोगों की जान ले लेती हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दवा के छिड़काव से लेकर कई तरह के बचाव के उपायों का प्रबंधन किया है। उन्होंने कहा कि डेंगू व अन्य वायरल बीमारियों के मरीजों की पहचान करने के लिए घर-घर सर्वेक्षण किया जाए।
यदि कहीं लक्षणों के आधार पर संदिग्ध मरीज मिलता है तो उसे बुखार व दस्त की दवा दी जाए। जरूरत पड़ने पर उसे अस्पताल भी भेजा जाए। अस्पतालों में बेड व दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए। 19 सितंबर से मुख्यमंत्री आरोग्य मेला भी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित कराने में ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेले’ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके साथ ही फिरोजाबाद, आगरा, कानपुर नगर, मथुरा आदि डेंगू व वायरल बीमारियों से प्रभावित जिलों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए।
मुख्यमंत्री के इन निर्देशों पर अमल करते हुए करते हुए आशा बहू, संगिनी, आंगनबाड़ी समेत स्वास्थ्यकर्मी शहर तथा गांवों में घर घर जाकर मच्छरजनित बीमारियों के मरीजों की पहचान कर रहे हैं। डेंगू रोगियों की पुष्टि होने पर मरीज के इलाज की व्यवस्था करते हुए उसके घर व आस-पास के 50 घरों में पाइरिथ्रम का छिड़काव कराया जा रहा है। प्रदेश में स्वच्छता-सेनेटाइजेशन का वृहद अभियान भी पांच सितंबर से चलाया जा रहा है। सभी जिलों के नामित नोडल अधिकारी इस कार्य पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्यकर्मियों के जरिए प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम किया जा रहा है। ये स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित और कोविड के लक्षण वाले लोगों को चिन्हित कर रहे हैं। इसके साथ ही 45 वर्ष से अधिक आयु के जिन लोगों ने अब तक कोविड वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है, उनकी सूची भी तैयार की जा रही है। खुद मुख्यमंत्री इस अभियान की प्रगति पर नजर रख रहे हैं।
बीते दिनों फिरोजाबाद समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की खबर सुनने के तुरंत बाद वह फिरोजाबाद में थे। तब से वह रोज डेंगू, मलेरिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों के खात्मे के लिए चलाए जा रहे अभियान की टीम -9 की बैठक में रोज समीक्षा करते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में अब तक डेंगू के 2073 मरीज मिलने की पुष्टि हुई है, जबकि चिकनगुनिया के 24, कालाजार के 37 केस मिले हैं। मच्छर काटने से बीमार हुए इन सभी लोगों का उपचार किया जा रहा है।