फिरोजाबाद। शनिवार को न्यायाल सभागार में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें आपसी सुलह समझौते से वादों का निस्तारण कराया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश संजीव फौजदार ने माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखकर आपसी सुलह-समझौते के माध्यम से वादों को निस्तारित कराया जाता है। उन्होने कहा कि लोक कल्याण के भावना देखते हुए एक स्थल एक मंच पर बहुत सारे वादों को सुलह-समझौता के आधार पर समाप्त कराने के उद्देश्य से लोक अदालत आयोजित कराई जाती हैं। जिसमें दोनों पक्षों के हित के साथ सामाजिक प्रेम भावना भी समाहित हैं।
अपर जिला जज व नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत आजाद सिंह ने अपने प्रेरक व सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि लोक अदालत की मूल भावना में समाहित है लोक कल्याण की भावना। सुलह समझौता के दौरान सभी का मान, सभी का सम्मान, सभी को न्याय मिले इसका ध्यान रखा जाता है। सिविल जज सी.डि. व प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मिनाक्षी सिन्हा ने कार्यक्रम का प्रभावी संचालन करते हुए बताया कि सस्ता सुलभ न्याय प्रत्येक भारतीय नागरिक का मौलिक अधिकार है।
सिविल जज दीक्षी चैधरी ने बताया की राजस्व, स्टाम्प, चकबंदी, घरेलू हिंसा, उत्तराधिकार, धारा 138 (एन.आई.ऐक्ट), बैंक वसूली वाद, श्रम विवाद वाद, विद्युत एंव जलवाद बिल, पारिवारिक एंव अन्य व्यवहार वाद, आपराधिक शमनीय वाद, बैंक वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाऐं, श्रम विवाद वाद, विद्युत एंव जलवाद बिल, पारिवारिक विवाद, भूमि अधिग्रहण वाद, जो जनपद न्यायालय में लम्बित हों, अन्य सिविल वाद आदि वाद निस्तारित किये जायेंगे। इस अवसर पर पीठासीन अधिकारी मोटरयान दुर्घटना अधिकरण, प्रधान न्यायधीश पारिवारिक न्यायलय, अपर जिला जज आलोक कुमार पाण्डेय, अध्यक्ष बार एसोशिएशन महेन्द्र कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ल, पुलिस अधीक्षक शहर मुकेश चंद्र मिश्र, उपजिलाधिकारी सदर राजेश कुमार व सभी न्यायिक अधिकारीगण सहित अधिवक्ता एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी कर्मचारी व वादकारी उपस्थित रहें।