फिरोजाबाद। सुहाग नगरी में पर्यूषण पर्व की धूम रही। जैन मंदिरों में श्रीजी के जिनाभिषेक के साथ शांति धारा संपन्न हुई। मंदिर प्रांगण जयकारों से गूंजता रहा। मुनिश्री द्वारा धर्मसभा को संबोधित किया गया। इस अवसर पर 26 से 28 सितम्बर तक आयोजित होने वाले देव शास्त्र गुरु भक्ति महोत्सव 2021 की पत्रिका का विमोचन किया गया।
पर्यूषण पर्व के प्रथम दिन शुक्रवार को नगर के अनेकों जैन मंदिरो श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर गाँधी नगर, श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर अट्टावाला, श्रीचंद्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर सदर बाजार, श्री शीतल नाथ दिगम्बर जैन मंदिर नासियाजी, श्री पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जैन नगर खेड़ा के साथ सेठ छदामीलाल श्रीमहावीर जिनालय में परम पूज्य आचार्य सुरत्न सागर मुनिश्री के पावन सानिध्य में प्रातः काल श्रीजी के जिनाभिषेक के पश्चात् शांति धारा संपन्न हुई। जिसका सौभाग्य मनोज कुमार अग्रवाल, अरविन्द कुमार जैन, अमित जैन एवं सुशांत जैन को मिला। पर्यूषण पर्व के प्रथम दिन उत्तम क्षमा पर अनेकों जिनभक्तों ने प्रसिद्ध संगीत कार शेंकी जैन की मधुर ध्वनि पर नृत्य करते हुए सामूहिक पूजन किया। जिसमे मुख्य रूप से सोधर्म इंद्र के स्वरुप में जयंती प्रसाद जैन मनोज मित्तल जैन अंकित जैन, पदमा जैन, शहजल जैन, सुनील जैन, रीता जैन, शुभम जैन, हर्ष जैन सोनल जैन फरिहा, रक्षा जैन अशोक जैन एटा, अरविन्द जैन, सुमित जैन, अमित जैन, सुशांत जैन, एवं राजीव जैन प्रिया सूट आदि ने धर्म लाभ लिया। मुनिश्री ने जैसे मंदिर प्रांगण में वने विशाल पंडाल में प्रवेश किया पूरा पंडाल मुनिश्री एवं श्रीजी के जयकारों से गूंज उठा। सभी जिनभक्तों ने मुनिश्री को श्री फल भेंट कर धर्म सभा में उपदेश देने के लिए आग्रह किया।
मुनिश्री ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पर्यूषण पर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा का दिन है। अर्थात जैन दर्शन में क्षमाभाव को प्रथम महत्त्व दिया गया है। आज के समय में अपने अंदर क्षमा भाव रखना बहुत आवश्यक है। वही व्यक्ति क्षमादान कर सकता है जो क्रोध से दूर रहता हो। क्रोध हमारे पतन का सबसे बड़ा मुख्यकारण होता है। इस अवसर पर 26 से 28 सितम्बर तक आयोजित होने वाले देव शास्त्र गुरु भक्ति महोत्सव 2021 की पत्रिका का विमोचन किया गया। जिसमे समिति के अध्यक्ष निमिष जैन, शैलेन्द्र जैन शैली, विशाल जैन, प्रशांत जैन, जितेंद्र जैन जीतू, प्रदीप जैन, दीपक जैन, प्रवीण जैन, भोला जैन, अरुण जैन पीली कोठी, संभव प्रकाश जैन, चंद्र प्रकाश जैन, आदि उपस्थित रहे।