नोएडा। विभिन्न मांगों को लेकर नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के कार्यालय पर धरना देने के मामले में गिरफ्तार किसानों से उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Uttar Pradesh Congress Committee) का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जेल (Jail) में मिलने पहुंचा. लेकिन कारा प्रशासन ने उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी. जेल प्रशासन के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण के दिशा निर्देश के अनुसार, किसी बंदी से मिलने के लिये व्यक्ति के पास क्ति 72 घंटे के भीतर का आरटीपीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट होना जरूरी है.

बता दें कि आबादी के निस्तारण, बढ़े मुआवजे के भुगतान सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर गत दिनों प्रदर्शन कर रहे किसानों एवं कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और अब तक उनकी जमानत नहीं हो पाई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को आज जनपद गौतमबुद्ध नगर भेजा है.

किसान नेताओं से मुलाकात नहीं हो पाई थी
प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व मंत्री सतीश शर्मा, दीपक कुमार, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव वीर सिंह चौधरी, नसीम खान, जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी एवं नोएडा महानगर अध्यक्ष शहाबुद्दीन आज जिला कारागार पहुंचे. जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज चौधरी ने बताया कि कांग्रेस के लोगों ने किसानों से मिलने की अनुमति जेल प्रशासन से मांगी. कारा अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के दिशा निर्देश के अनुसार अनुसार, किसी भी बंदी से मुलाकात के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट जरूरी है. उन्होंने बताया कि 72 घंटे के अंदर की आरटी- पीसीआर होने के बाद ही बंदियो से मुलाकात कराई जा सकती है. अंतिम समाचार मिलने तक कांग्रेसी नेताओं की जेल में बंद किसान नेताओं से मुलाकात नहीं हो पाई थी.
किसान दिल्ली की सीमाओं को नहीं छोड़ेंगे
बता दें कि बीते दिनों मुजफ्फरनगर में किसानों में महापंचायत का आयोजन किया था, जिसमें पूरे देश से हजारों किसानों ने हिस्सा लिया था. महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा था कि तीनों कानूनों के खिलाफ आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती. राकेश टिकैत ने रविवार को कहा था कि सरकार कुछ भी कर ले किसान दिल्ली की सीमाओं को नहीं छोड़ेंगे

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