देश में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की रफ्तार अब लगभग थम गई है, स्थिति के दोबारा से सामान्य होता देख,कई राज्यों ने स्कूलों को खोलने का फैसला कर लिया है। ऐसा ही जनपद फिरोजाबाद के सभी स्कूलों में जब ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट दिखाई गई,तो बच्चे, अध्यापकों एवं स्कूल संचालकों में खुशी की लहर देखने को मिली
कोरोना के तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच यह फैसला कितना सही और चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसे लेकर चर्चा जारी है। इन सबके बीच माता-पिता के लिए बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों ही चिंता का विषय बनी हुई है।
हालांकि माता पिता मैं एक खुशी की उमंग और लहर भी देखी गई , जिसमें उनके बच्चे जो 6 ,7,8 में पढ़ रहे हैं, उनका आगमन लगभग 19 महीने बाद विद्यालय में हुआ, जिसको लेकर परिजन अत्यंत खुश हैं
हालांकि जब स्कूलों मे बच्चों को कोरोना के बचाव को देखने का परीक्षण किया गया, तो उस परीक्षण मे बच्चे ,स्कूल प्रशासन और शिक्षक तीनों ने कोविड-19 की गाइडलाइंस को फॉलो किया

अभी फिल्हाल राज्य सरकार ने सिर्फ 50% बच्चों को बुलाने की ही अनुमति ही दी हैं किंतु बच्चे और उनके अभिभावक सभी चाहते हैं कि आपने बच्चों को स्कूल भेजें, किंतु ऐसा संभव नहीं है सरकार की गाइडलाइंस की वजह से
स्कूल खुलने से बच्चों और अभिवावकों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा ,लेकिन कुछ शिक्षक और अभिवावक दुःखी हैं के पहले की तरह स्कूल 100% क्यों नहीं खोले गए
वार्ता के दौरान स्कूल प्रबंधन एवं प्रिंसिपल ने यह भी बताया कि ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं, इवन छोटी क्लासों मैं भी, किंतु सरकार की गाइडलाइंस के तहत वह नहीं भेज पा रहे हैं, यहां तक कि अभिभावकों ने यह तक कह दिया कि हम संस्तुति पत्र भी दे देंगे, लेकिन हमारे बच्चों को स्कूल बुला लीजिए मैडम प्लीज, क्योंकि पिछले कई महीनों से बच्चे स्कूल नहीं गए हैं, तब से बच्चों ने पढ़ना लिखना और पिछला सिखाया हुआ सब भूल गए हैं, अनुशासन भी भूल गए हैं और इसके अलावा जो बच्चे शालीनता से और तमीज से बात किया करते थे,वह गाली गलौज करके बात करते हैं अब , इसलिए प्लीज मैडम/ सर बच्चों को स्कूल बुला लीजिए प्लीज, जिससे हमारे बच्चे पहले की तरह होनहार, शिष्टाचार और अनुशासन का पालन करने वाले बच्चे बन सके


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