नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी कर रहे हैं दुर्घटना का इंतजार

शहर के प्रमुख नाले में से एक नाला जोकि कश्मीरी गेट एवं राजाराम की पुलिया से आते हुए चंद्रवार गेट पर मिलने के बाद संत नगर रामनगर की तरफ एक रास्ते से होकर जाता हुआ नाला हैं जोकि करीब 12 से 15 फुट गहरा और 10 से 11 फुट चौड़ा है

जब आमतौर पर नाले में जल प्रवाह को देखा जाता है तब उसमें सिर्फ 1 से 2 फुट का ही जल प्रवाह रहता है
लेकिन जब बारिश हो जाती है तो वही नाले मे जल प्रवाह की स्थिति उल्टी हो जाती है नाले की गहराई के एक से दो फुट उपर पानी आ जाता है

जिसमें यह पता नहीं लगता कि रोड के किस तरफ से नाला है और किस तरफ रास्ता

मानसून में अत्यधिक जल प्रवाह होने पर रोड का ना दिखना एक मुख्य कारण यह है

कि चंद्रवार गेट की तरफ नाले की सहायक पट्टी पर वेरी गेटिंग नहीं लगी है जोकि सिर्फ थाना लाइनपार क्षेत्र के अंतर्गत ही दुर्व्यवहार है

जबकि समस्त शहर में नाले की सहायक पट्टी पर वेरी गेटिंग की सुविधा उपलब्ध है

जिस क्षेत्र में वेरी गेटिंग नहीं लगी है वहां पर तीन वार्ड रामनगर संत नगर ओम नगर आदि आते हैं

और इन तीन वार्डों के साथ – साथ तीन से चार प्राइवेट विद्यालय भी आती है जो बिल्कुल नाले के समीप ही हैं
जहां पर बच्चों से लेकर वृद्धों सभी को इसमें गिरने की आशंका है
जबकि नाले पर वेरी गेटिंग ना होने के कारण कई बार नाले में दो पहिया वाहन से लेकर तीन पहिया वाहन तक को लेकर लोग गिर चुके हैं
एवं इन सभी वार्डो के पार्षद इन सभी घटनाओं को नजर अंदाज करते रहते हैं पर आम आदमी बेचारा इन सभी समस्याओं अभी भी निरंतर झुझ रहा है।


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