गाजियाबाद. भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) ने (MSP) अनिवार्य करने के साथ उत्‍तर प्रदेश के रामपुर जिले में MSP के नाम पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है. इससे संबंधित दस्‍तावेज भी मीडिया के सामने रखे और बताया कि एमएसपी पर खरीद किसानों से नहीं व्‍यापरियों से खरीद की जा रही है. बीकेयू के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने गुरुवार को यूपी गेट पर इस मुद्दे पर संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित किया.

उत्‍तर प्रदेश के रामपुर जिले का उदाहरण देते हुए टिकैत ने कहा कि बाईपास निर्माण के नाम पर किसानों ने ऐसी जमीन खरीद दिखा दी गई, जिस पर मौजूदा में खेती हो रही है या आबादी बसी हुई है. उन्‍होने बताया कि फर्जी किसान दिखाकर एकाउंट में पैसे जमा दिखाने के बाद उस रकम को निकालकर आपस में बांटा जा रहा है. इस दौरान उन्होंने रामपुर में एक स्कूल का हवाला दिया और बताया कि उस जमीन पर स्कूल की बिल्डिंग है लेकिन वहां पर खेती दिखाकर रकम ली जा रही है. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह करोड़ों का घोटाला है. इस तरह की गड़बड़ी प्रदेश के एक जिले में नहीं बल्कि कई अन्य जिलों में हो रही है, जिसका खुलासा आने वाले दिनों में किया जाएगा, इसलिए वो सरकार से लगातार एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
संवाददाता सम्‍मेलन में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में गेंहू व धान खरीद काम संगठित तरीके से किया जा रहा है. यूपी खरीद के मामले में चौथे नंबर पर है. आरोप लगाया कि तीन हजार के करीब किसानों से 50 से 75 रुपये क्विंटल खरीद पर सुविधा शुल्क के नाम पर वसूल किया गया है

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