Agra, Uttar Pradesh, India. लालाओं की कॉलोनी के रूप में प्रसिद्ध कमलानगर में शनिवार को मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में डकैती डालकर साढ़े नौ करोड़ रुपये के आभूषण लूटने के मामले में कई खुलासे हो रहे हैं। डकैती के बाद बदमाश अलग-अलग भागे थे। उद्देश्य यह था कि पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाएगी। डकैती डालने से पहले हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला ने गैंग के साथ कमला नगर आकर कई बार पूर्वाभ्यास किया था। गिरोह के सदस्य 20 दिन से लगातार कमला नगर आ रहे थे। वारदात के बाद भागने का प्लान भी बनाया। पुलिस टीम फीरोजाबाद समेत अन्य स्थानों पर डेरा डाले हुए हैं। डकैती के बाद यह भी स्पष्ट हुआ कि कोरोना ने जनता को बहुत रुलाया है। अस्पतालों का बिल चुकाने के लिए मंगलसूत्र तक गिरवी रखे गए।

25 मिनट में लूट

शहर की पाश कालोनी कमला नगर में मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में 25 मिनट तक बदमाश एक्शन में रहे। उन्होंने गोल्ड कंपनी के कर्मचारियों को बुरी तरह दहशत से भर दिया था। कर्मचारियों को हर पल ऐसा लग रहा था कि बदमााश अब उन्हें गोली मार देंगे। तमंचे के बल पर अलमारी खुलवाने के बाद उसमें डिब्बे में रखे आभूषणों के ढेर देखकर एकबारगी बदमाश भी हतप्रभ रह गए थे। हाथ-पैर बांधकर केबिन में डाले गए एक सोनू ने गर्मी के चलते करवट लेने का प्रयास किया। इस पर एक बदमाश ने उसके सिर पर तमंचे की बट से प्रहार करने के बाद ट्रिगर पर उंगली का दबाव बढ़ा दिया। मौत को इतने करीब देख दहशत के चलते वह बेहोश हो गया। कर्मचारियों की दहशत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हे कि पुलिस को घटना की जानकारी देते समय शाखा प्रबंधक विजय रोने लगे थे। विजय, सोनू, रंजीत और विष्णु का कहना था कि 25 मिनट के दौरान कई बार उन्हें ऐसा लगा कि बदमाश उन्हें कभी भी गोली मार सकते हैं।

सायरन बंद कराया

डकैती के दौरान गोल्ड लोन कंपनी में लगा सायरन तीन बार बजा था। यह सायरन जेवरात की अलमारियां खोलते समय बजे थे। इस पर बदमाश बुरी तरह से बौखला गए। उन्होंने शाखा प्रबंधक विजय की कनपटी पर तमंचा रख दिया। उनसे कहा कि सायरन बंद करो, वर्ना तुम्हारी आवाज हमेशा के लिए बंद कर दूंगा। इस पर विजय ने सायरन के सिस्टम में पासवर्ड डालकर बंद किया ताकि दोबारा न बजे।

एसएसपी ने बताया कि सरगना नरेंद्र गिरोह के साथ कई बार कमला नगर आया था। उसने गिरोह के साथ कमला नगर से बाइपास पर जाने वाले सभी रास्तों को देखा था। जिससे कि वह सभी एक साथ न जाकर अलग-अलग रास्तों से बाइपास पर पहुंचते। इसके बाद डग्गेमार वाहनों या टेंपों से फीरोजाबाद की ओर भागे। इससे सीसीटीवी कैमरों को चेक करने के दौरान पुलिस को उनकी फुटेज तलाशने में काफी समय लगता। तब तक वह पुलिस की पहुंचे से दूर हो चुके होते। बदमाश इसी रणनीति के तहत आटो से भागे थे।

20 दिन से कर रहे थे तैयारी

एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि शनिवार को कमला नगर मणप्पुरम गोल्ड लोन में डकैती डालकर 19 किलो सोना लूटने वाले बदमाशों ने वारदात से पहले कई बार रिहर्सल की थी। पुलिस द्वारा की गई छानबीन में सामने आया है कि गिरोह का सरगना हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला 20 दिन से कमला नगर इलाके में आ रहा था। गोल्ड लोन शाखा करीब तीन सप्ताह से बदमाशों के निशाने पर थी। बदमाशों को किस तरह से शाखा में अंदर जाना है, र लूटपाट के बाद किन रास्तों से होकर जाना है, शहर से बाहर निकलने के बाद उन्हें किस जगह पर दोबारा मिलना है, गिरोह इसका पूरा अभ्यास कर चुका था।

मुठभेड़ में मारे गए निर्दोष और मनीष पांडेय

एसएसपी ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों निर्दोष और मनीष पांडेय से साढ़े सात किलोग्राम सोने के जेवरात, सवा लाख रुपये बरामद किए हैं। फरार सरगना नरेंद्र उर्फ लाला, अंशू और प्रभात शर्मा सभी निवासी फीरोजाबाद की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। बदमाशों की गिरफ्तारी और डकैती में लूटे गए सोने के जेवरात बरामद करने के लिए पांच टीम बनाई गई हैं।

कपड़े साथ लाए थे

बदमाश डकैती के बाद अपना हुलिया बदलने की तैयारी से आए थे। यह सब उन्होंने रिहर्सल के दौरान ही कर लिया था। बदमाशों को पता था कि शाखा के कर्मचारी उनके कपड़ों के बारे में पुलिस को जानकारी देंगे। इसलिए वह पैंट-शर्ट, मास्क समेत अन्य चीजें से पहले से बैग में रखकर लाए थे। वारदात के बाद उन्हें अपने कपड़े बदलने थे। जिससे कि अपने कपडे बदलकर वह पुलिस को आसानी से चकमा दे सकें।

सरगना है बहुत चालू चीज

पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला गिरोह में नए लोगों को शामिल करता है। जिनका आपराधिक इतिहास नहीं होता, या उन पर कुछ ही मुकदमे होते हैं। कमला नगर में गोल्ड लोन शाखाा में डकैती डालने वाले गैंग में शामिल निर्दोष का भी कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। जबकि मनीष पांडेय पर भी कुछ ही मुकदमे दर्ज थे।

दवा लेने के चक्कर में पकड़े गए

मकड़ी काटने की दवा लेने गए दोनों बदमाश जाल में फंस गए। निर्दोष और मनीष पांडेय के बैग में साढ़े सात किलोग्राम सोने के जेवरात व सवा लाख रुपये थे। बताते हैं बदमाश मेडिकल स्टोर पर दवा लेने गए थे। मेडिकल स्टोर वाले से उन्होंने मकडी के काटने से फफोले होने पर उसे सही करने की दवा मांगी थी। इसी दौरान पीछा करती पुलिस वहां पहुंच गई और बदमाश उसके जाल से बाहर नहीं निकल सके।

इस तरह पकड़े गए बदमाश

दुस्साहसिक डकैती की जानकारी के बाद तीसरे पहर तीन बजे से पुलिस एक्शन में आई। उसने गोल्ड कंपनी के आसपास दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए। इसमें बदमाशों की फुटेज मिली। जिससे पुलिस ने बदमाशों के भागने का रूट पता कर लिया। कैमरों की मदद से पीछा करते हुए बदमाशों को एत्मादपुर इलाके में पुलिस ने घेर लिया। पुलिस ने वारदात के बाद 75 मिनट में ही जवाबी कार्रवाई करते हुए दो बदमाशों को मुठभेड़ के बाद दबोच लिया। घायल बदमाशों को उपचार के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उनके पैर और सीने में गोली लगी थी। उपचार के दौरान रात करीब 8.30 बजे दोनों बदमाशों ने अस्‍पताल में दम तोड़ दिया। अब पुलिस भागे हुए तीन बदमाशों की तलाश कर रही है।


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