फिरोज़ाबाद : जिले में नये राजनीतिक समीकरण के संकेत मिलने शुरू हो गये हैं। बीजेपी के स्थानीय और प्रदेश स्तरीय नेताओं ने मंगलवार को हरिओम यादव से मुलाकात कर उनसे बीजेपी के लिए समर्थन मांगा। हरिओम यादव ने भी यह कहकर सकारात्मक संकेत दिये कि अगर कोई घर आता है तो निराश नहीं किया जाता।

चढ़ने लगा सियासी पाराजिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अभी कोई तारीख घोषित नहीं हुई है. लेकिन, सियासी पारा दिनोंदिन चढ़ता जा रहा है। फ़िरोज़ाबाद की बात करें तो समाजवादी पार्टी ने इसके लिए पार्टी नेता बिजेंद्र ठेकेदार की पुत्रवधू रुचि यादव को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। 33 सदस्यों वाली जिला पंचायत में 13 सदस्य सपा के पास हैं, जबकि पांच मेंबर बीजेपी, पांच बसपा और 10 सदस्य निर्दलीय जीत कर आये हैं। निर्दलीय सदस्यों में सपा से निष्कासित विधायक हरिओम यादव के पुत्र विजय प्रताप सिंह और पत्नी राम सखी भी शामिल हैं। इनके अलावा अन्य कई निर्दलीय सदस्यों पर भी विधायक हरिओम यादव का प्रभाव है. बीजेपी को लगता है कि अगर हरिओम यादव का समर्थन मिल जाये तो जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुआ जा सकता है. इसी के मद्देनजर बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह, सांसद चंद्रसेन जादौन और पार्टी जिलाध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह लोधी मंगलवार को विधायक हरिओम यादव के आवास पर पहुंचे और उनसे समर्थन मांगा।

रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने के आसारसपा से निष्कासित विधायक हरिओम यादव बीजेपी के धुर विरोधी माने जाते हैं लेकिन जब बीजेपी नेता मंगलवार को उनसे मिलने आये तो उनके रुख में नरमी दिखाई दी। उन्होंने कहा कि घर पर आया व्यक्ति मेहमान होता है और उसे निराश नहीं किया जातासपा खेमे में मच सकती है खलबलीजिला पंचायत अध्यक्ष पद के इतिहास की बात करें तो अभी तक ज्यादातर इस सीट पर सपा का ही कब्जा रहा है। सपा नेता खुद या फिर उनके परिवार की महिलाएं ही जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतती रहीं हैं। साल 1995 की बात करें तो इस सीट पर सिरसागंज के सपा विधायक हरिओम यादव की पत्नी राम सखी यादव चुनाव जीतीं। साल 2000 में इस सीट पर तत्कालीन सपा नेता हरिओम यादव चुनाव जीते। साल 2002 में फिर से हुए उपचुनाव में सपा नेता अरविंद यादव की पत्नी गुड्डी देवी जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं. बाद में जिला पंचायत के संचालन के लिए तीन सदस्यीय एक कमेटी भी गठित हुई. 2005 में यह सीट महिला के लिए आरक्षित हो गयी. इस बार सपा विधायक रामवीर यादव की बहन राम सिया अध्यक्ष बनीं. 2010 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई और बीएसपी विधायक राकेश बाबू के बेटे प्रमोद कुमार जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए. साल 2013 में सपा के पूर्व विधायक रमेश चंद्र चंचल जिला पंचायत अध्यक्ष बने. साल 2015 में यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई और सपा विधायक हरिओम यादव के पुत्र विजय प्रताप अध्यक्ष चुने गए. 2018 में इस सीट पर बीजेपी नेता अमोल यादव अध्यक्ष चुने गए।
हरिओम यादव के प्रभाव वाली है जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटफ़िरोज़ाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर लंबे समय तक सपा का कब्जा बेशक रहा हो लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इस सीट पर विधायक हरिओम यादव का प्रभाव है. साल 1995 में विधायक की पत्नी रामसखी यादव जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं तो साल 2000 में खुद हरिओम यादव अध्यक्ष बने. साल 2015 में विधायक हरिओम यादव के पुत्र विजय प्रताप अध्यक्ष चुने गए थे।


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