फिरोजाबाद:- बुद्धपूर्णिमा के अवसर पर चन्द्रमा की चंचल किरणें विश्व के विभिन्न भागों में विभिन्न रंगों में परिवर्तित होती दिखेंगी। इस दिन पूर्ण चंद्रग्रहण की घटना होने के कारण भारतीय समयानुसार अपराह्न 04 बजकर 43 मिनट से 14 मिनट के लिए ऑस्ट्रेलिया में चंद्रमा तांबिया तश्तरी के रूप में दिखना लगेगा एवं सांय होते होते कोलकाता में चंद्रमा आंशिक चंद्रग्रहण के कारण मंद रोशनी से उदित होगा। जिला विज्ञान क्लब,फिरोजाबाद के जिला समन्वयक अश्वनी कुमार जैन ने बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है कि जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक लाइन में होते हैं। ग्रहण के वक्त पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के मध्य में आती है। जिससे सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुँच पाती है और चंद्रमा अँधेरा नजर आता है परन्तु गायब नहीं होता है। पृथ्वी के वायुमंडल के सूर्य की रोशनी पर असर से चंद्रमा अलग रंग का प्रदर्शित होता है। पृथ्वी के वायुमंडल से टकराने पर सूर्य की रोशनी में से अधिक तरंगदैर्ध्य वाली लाल और नारंगी रोशनी में चंद्रमा नहा जाता है एवं ब्लड मून बन जाता है। यह नारंगी या लाल से लेकर भूरे रंग का भी हो जाता है।
जैन ने बताया कि बुद्धपूर्णिमा के दिन 26 मई 2021 को पड़ने वाले चंद्रग्रहण को ब्रिटेन में फ्लावरमून भी कहा जाता है क्योंकि मई के माह से फूल खिलने प्रारम्भ होते हैं। यह चंद्रग्रहण अमेरिका के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणपूर्व एशिया में भी प्रदर्शित होगा। भारत मे यह ग्रहण धरती की बाहरी छाया में ही प्रदर्शित होगा। विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार मध्यप्रदेश में 07 बजकर 19 मिनट तक उपछाया ग्रहण होने से इसकी चमक में हल्की गिरावट महसूस होगी, परन्तु उसके बाद रात्रि भर चंद्रमा सुपरमून के रूप में चाँदनी बिखेरेगा। चंद्रमा पृथ्वी के पास होने से 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखेगा। आंशिक ग्रहण की घटना अपराह्न 3:15 बजे प्रारम्भ होकर सांय 6:22 बजे समाप्त होगी। समाप्त होते समय आंशिक ग्रहण को कोलकाता में देखा जा सकता है। उपछाया ग्रहण को खाली आँखों से महसूस नहीं किया जा सकता है।


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