नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने राजधानी में लगातार घटते कोरोना मामलों को और तेजी से कम करने के उद्देश्य से रविवार को लाॅकडाउन को एक सप्ताह के लिए और बढ़ाने का निर्णय लिया है जो 31 मई की सुबह पाँच बजे तक प्रभावी रहेगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज संवाददाताओं से कहा कि दिल्लीवासियों की सलाह पर वह एक सप्ताह के लिए लाॅकडाउन और बढ़ा रहे हैं। साेमवार सुबह पाँच बजे लाॅकडाउन समाप्त हो रहा था लेकिन अब यह 31 मई की सुबह पाँच बजे तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने दिल्ली वालों से अपील की है कि जैसे अभी तक सहयोग करते हुए लाॅकडाउन का पालन किया है, उसी तरह आगे भी करेंगे। अगर मामले घटने का सिलसिला जारी रहा तो 31 मई से अनलाॅक की प्रक्रिया चालू करेंगे और धीरे-धीरे कुछ गतिविधियों को खोलेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सभी का वैक्सीनेशन करना हमारी पहली प्राथमिकता है, ताकि हम तीसरी लहर के खतरे से बच सकें। पूरे देश में वैक्सीन की कमी है। फिर भी हमारा प्रयास है कि कहीं से भी दिल्ली के लोगों के लिए वैक्सीन मिल जाए। इसके लिए हम कितना भी बजट खर्च करने के लिए तैयार हैं।
श्री केजरीवाल ने कहा कि जब यह लहर आई थी और तेजी से मामले बढ़ रहे थे, उस वक्त ऐसा लग रहा था कि पता नहीं यह लहर कितने दिन चलेगी। इस लहर से जीत पाएंगे या नहीं जीत पाएंगे, कैसे होगा और क्या होगा? हम लोगों ने दिल्ली में 20 अप्रैल को लाॅकडाउन लगाया था। लगभग एक महीने के अंदर दिल्ली के लोगों के अनुशासन, उनकी मेहनत और संघर्ष की वजह से आज कोरोना की अब तक की यह सबसे खतरनाक लहर कमजोर होती नजर आ रही है। मैं यह नहीं कहूंगा कि हमने युद्ध जीत लिया है, अभी युद्ध बाकी है, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि हम इस पर काबू पाते हुए नजर आ रहे हैं। अप्रैल के महीने में एक दिन ऐसा आया था, जब संक्रमण दर 36 फीसदी पहुंच गई थी। यानी कि 100 लोगों की हम जांच करते थे, तो 36 लोग संक्रमित पाए जाते थे। पिछले 24 घंटे में यह संक्रमण दर 2.5 फीसदी के भी नीचे चली गई है। यानि कि अब हम 100 लोगों की जांच करते हैं, तो उसमें ढाई लोग संक्रमित पाए जाते हैं और 97.5 लोग ठीक पाए जाते हैं। इसका मतलब यह है कि दिल्ली के अंदर संक्रमण दर काफी कम हो गया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अप्रैल के महीने में एक दिन ऐसा था, जब कोरोना के 28 हजार मामले एक दिन में आए थे। दिल्ली के अंदर पिछले 24 घंटे में 1600 मामले पाए गए हैं। दिल्ली के अंदर कोरोना की रफ्तार काफी कम हुई है। पिछले एक महीने में कई सारी समस्याएं आई और उन सारी समस्याओं का दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने एक परिवार की तरह मिलकर मुकाबला किया। खासकर ऑक्सीजन की बहुत बड़ी समस्या आई थी, इसमें सबका सहयोग मिला। इसमें दिल्ली के लोगों, केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट, सबने सहयोग किया और ऑक्सीजन की समस्या का भी समाधान निकला।
श्री केजरीवाल ने कहा कि अब वैक्सीन की बड़ी समस्या आ रही है। वैक्सीन की बहुत कमी महसूस हो रही है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि जैसे हमने बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान किया है, वैसे ही वैक्सीन की समस्या का भी समाधान निकलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि इसका समाधान हम सब मिलकर निकालेंगे। इस दौरान पिछले एक महीने में हमारे डॉक्टर्स और नर्सेज कई-कई दिनों तक नहीं सोए हैं। कई-कई दिनों से घर नहीं गए हैं। उन्होंने जबरदस्त काम किया है। इनमें से कुछ डॉक्टर्स और नर्सेज शहीद भी हो गए। उनकी शहादत को मैं पूरी दिल्ली के सभी लोगों की तरफ से सलाम करता हूं। हम उनके कर्जदार हैं, उनका कर्ज हम नहीं चुका सकते, लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार उनके परिवार को मदद करने के लिए एक-एक करोड़ रुपए की राशि देती है। मैं रोज ऐसे किसी व्यक्ति, ऐसे किसी डॉक्टर के घर जाता हूं, जो शहीद हो गए हैं। मैं खुद जाकर उनके परिवार से मिलता हूं और उनको एक-एक करोड़ रुपए की राशि देकर आता हूं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी भी हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में मैंने खूब लोगों से पूछा कि क्या करना चाहिए? जो भी निर्णय होगा हम मिलकर लेंगे। दिल्ली के लोग मिलकर निर्णय लेंगे। इस पर लोगों की एक आम राय बन रही है कि एक हफ्ते के लिए लाॅकडाउन और बढ़ा देना चाहिए, क्योंकि अभी अगर लॉकडाउन खोल दिया और जो कुछ हमने पिछले एक महीने की इतनी कड़ी मेहनत, संघर्ष और त्याग की वजह से पाया है, कहीं वह खत्म न हो जाए। सब की आम राय यह है कि एक हफ्ते के लिए बढाया जाना चाहिए। इसलिए दिल्ली सरकार ने यह निर्णय लिया कि एक हफ्ते के लिए लाॅकडाउन और बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वक्त हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है कि किस तरह से दिल्ली के दो करोड़ लोगों को वैक्सीन जल्द से जल्द लगाई जा सके। हमने दिल्ली में सारी व्यवस्था बना ली है कि तीन महीने के अंदर दिल्ली के सब लोगों को हम वैक्सीन लगा सकते हैं, लेकिन वैक्सीन की पूरे देश के अंदर कमी है। कहा जा रहा है कि तीसरी लहर आएगी। हमें तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी शिद्दत के साथ तैयारी करनी है। हमारी पहली प्राथमिकता तो यह है कि सब को वैक्सीन लग जाए। अगर वैक्सीन लग गई, तो शायद तीसरी लहर न आए। अगर वैक्सीन सबको लग गई, तो शायद तीसरी लहर से हम लोग बच सकें। एक तरफ हम सबको जल्द से जल्द वैक्सीन लगाने की तैयारी कर रहे हैं और दूसरी तरफ कोशिश कर रहे हैं कि केंद्र सरकार या कंपनियों से, जहां से भी हो सके, वैक्सीन की व्यवस्था की जाए। जितनी भी वैक्सीन बनाने वाली विदेशी कंपनियां हैं या चाहे वह भारत की कंपनियां हैं, उन सभी से मैं खुद बात कर रहा हूं। ताकि कैसे हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा सकें। कोई चाहे कितने रुपए में भी वैक्सीन दे दे। दिल्ली के लोगों के लिए वैक्सीन लाने में हमें जितना भी बजट खर्च करना पड़े, हम खर्च करने के लिए तैयार हैं। कहीं से अपने दिल्ली के लोगों के लिए वैक्सीन मिल जाए। एक तरफ हमारी वैक्सीन को लेकर यह तैयारी चल रही है और दूसरी तरफ अगर तीसरी लहर आती है, तो हम उसकी सारी तैयारियां कर रहे हैं। दिल्ली में कितने बेड की जरूरत पड़ेगी, कितने आईसीयू बेड बनाने की जरूरत पड़ेगी। कितनी ऑक्सीजन और ऑक्सीजन टैंकर खरीदने की जरूरत है, कितने ऑक्सीजन के स्टोरेज टैंक बनाने की जरूरत है। यह सब तैयारियां भी साथ-साथ चल रही है। लेकिन भगवान न करे कोई तीसरी लहर आए। भगवान करें कि सब लोग सुख, शांति और स्वस्थ रहें।
नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने राजधानी में लगातार घटते कोरोना मामलों को और तेजी से कम करने के उद्देश्य से रविवार को लाॅकडाउन को एक सप्ताह के लिए और बढ़ाने का निर्णय लिया है जो 31 मई की सुबह पाँच बजे तक प्रभावी रहेगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज संवाददाताओं से कहा कि दिल्लीवासियों की सलाह पर वह एक सप्ताह के लिए लाॅकडाउन और बढ़ा रहे हैं। साेमवार सुबह पाँच बजे लाॅकडाउन समाप्त हो रहा था लेकिन अब यह 31 मई की सुबह पाँच बजे तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने दिल्ली वालों से अपील की है कि जैसे अभी तक सहयोग करते हुए लाॅकडाउन का पालन किया है, उसी तरह आगे भी करेंगे। अगर मामले घटने का सिलसिला जारी रहा तो 31 मई से अनलाॅक की प्रक्रिया चालू करेंगे और धीरे-धीरे कुछ गतिविधियों को खोलेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सभी का वैक्सीनेशन करना हमारी पहली प्राथमिकता है, ताकि हम तीसरी लहर के खतरे से बच सकें। पूरे देश में वैक्सीन की कमी है। फिर भी हमारा प्रयास है कि कहीं से भी दिल्ली के लोगों के लिए वैक्सीन मिल जाए। इसके लिए हम कितना भी बजट खर्च करने के लिए तैयार हैं।
श्री केजरीवाल ने कहा कि जब यह लहर आई थी और तेजी से मामले बढ़ रहे थे, उस वक्त ऐसा लग रहा था कि पता नहीं यह लहर कितने दिन चलेगी। इस लहर से जीत पाएंगे या नहीं जीत पाएंगे, कैसे होगा और क्या होगा? हम लोगों ने दिल्ली में 20 अप्रैल को लाॅकडाउन लगाया था। लगभग एक महीने के अंदर दिल्ली के लोगों के अनुशासन, उनकी मेहनत और संघर्ष की वजह से आज कोरोना की अब तक की यह सबसे खतरनाक लहर कमजोर होती नजर आ रही है। मैं यह नहीं कहूंगा कि हमने युद्ध जीत लिया है, अभी युद्ध बाकी है, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि हम इस पर काबू पाते हुए नजर आ रहे हैं। अप्रैल के महीने में एक दिन ऐसा आया था, जब संक्रमण दर 36 फीसदी पहुंच गई थी। यानी कि 100 लोगों की हम जांच करते थे, तो 36 लोग संक्रमित पाए जाते थे। पिछले 24 घंटे में यह संक्रमण दर 2.5 फीसदी के भी नीचे चली गई है। यानि कि अब हम 100 लोगों की जांच करते हैं, तो उसमें ढाई लोग संक्रमित पाए जाते हैं और 97.5 लोग ठीक पाए जाते हैं। इसका मतलब यह है कि दिल्ली के अंदर संक्रमण दर काफी कम हो गया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अप्रैल के महीने में एक दिन ऐसा था, जब कोरोना के 28 हजार मामले एक दिन में आए थे। दिल्ली के अंदर पिछले 24 घंटे में 1600 मामले पाए गए हैं। दिल्ली के अंदर कोरोना की रफ्तार काफी कम हुई है। पिछले एक महीने में कई सारी समस्याएं आई और उन सारी समस्याओं का दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने एक परिवार की तरह मिलकर मुकाबला किया। खासकर ऑक्सीजन की बहुत बड़ी समस्या आई थी, इसमें सबका सहयोग मिला। इसमें दिल्ली के लोगों, केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट, सबने सहयोग किया और ऑक्सीजन की समस्या का भी समाधान निकला।
श्री केजरीवाल ने कहा कि अब वैक्सीन की बड़ी समस्या आ रही है। वैक्सीन की बहुत कमी महसूस हो रही है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि जैसे हमने बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान किया है, वैसे ही वैक्सीन की समस्या का भी समाधान निकलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि इसका समाधान हम सब मिलकर निकालेंगे। इस दौरान पिछले एक महीने में हमारे डॉक्टर्स और नर्सेज कई-कई दिनों तक नहीं सोए हैं। कई-कई दिनों से घर नहीं गए हैं। उन्होंने जबरदस्त काम किया है। इनमें से कुछ डॉक्टर्स और नर्सेज शहीद भी हो गए। उनकी शहादत को मैं पूरी दिल्ली के सभी लोगों की तरफ से सलाम करता हूं। हम उनके कर्जदार हैं, उनका कर्ज हम नहीं चुका सकते, लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार उनके परिवार को मदद करने के लिए एक-एक करोड़ रुपए की राशि देती है। मैं रोज ऐसे किसी व्यक्ति, ऐसे किसी डॉक्टर के घर जाता हूं, जो शहीद हो गए हैं। मैं खुद जाकर उनके परिवार से मिलता हूं और उनको एक-एक करोड़ रुपए की राशि देकर आता हूं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी भी हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में मैंने खूब लोगों से पूछा कि क्या करना चाहिए? जो भी निर्णय होगा हम मिलकर लेंगे। दिल्ली के लोग मिलकर निर्णय लेंगे। इस पर लोगों की एक आम राय बन रही है कि एक हफ्ते के लिए लाॅकडाउन और बढ़ा देना चाहिए, क्योंकि अभी अगर लॉकडाउन खोल दिया और जो कुछ हमने पिछले एक महीने की इतनी कड़ी मेहनत, संघर्ष और त्याग की वजह से पाया है, कहीं वह खत्म न हो जाए। सब की आम राय यह है कि एक हफ्ते के लिए बढाया जाना चाहिए। इसलिए दिल्ली सरकार ने यह निर्णय लिया कि एक हफ्ते के लिए लाॅकडाउन और बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वक्त हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है कि किस तरह से दिल्ली के दो करोड़ लोगों को वैक्सीन जल्द से जल्द लगाई जा सके। हमने दिल्ली में सारी व्यवस्था बना ली है कि तीन महीने के अंदर दिल्ली के सब लोगों को हम वैक्सीन लगा सकते हैं, लेकिन वैक्सीन की पूरे देश के अंदर कमी है। कहा जा रहा है कि तीसरी लहर आएगी। हमें तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी शिद्दत के साथ तैयारी करनी है। हमारी पहली प्राथमिकता तो यह है कि सब को वैक्सीन लग जाए। अगर वैक्सीन लग गई, तो शायद तीसरी लहर न आए। अगर वैक्सीन सबको लग गई, तो शायद तीसरी लहर से हम लोग बच सकें। एक तरफ हम सबको जल्द से जल्द वैक्सीन लगाने की तैयारी कर रहे हैं और दूसरी तरफ कोशिश कर रहे हैं कि केंद्र सरकार या कंपनियों से, जहां से भी हो सके, वैक्सीन की व्यवस्था की जाए। जितनी भी वैक्सीन बनाने वाली विदेशी कंपनियां हैं या चाहे वह भारत की कंपनियां हैं, उन सभी से मैं खुद बात कर रहा हूं। ताकि कैसे हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा सकें। कोई चाहे कितने रुपए में भी वैक्सीन दे दे। दिल्ली के लोगों के लिए वैक्सीन लाने में हमें जितना भी बजट खर्च करना पड़े, हम खर्च करने के लिए तैयार हैं। कहीं से अपने दिल्ली के लोगों के लिए वैक्सीन मिल जाए। एक तरफ हमारी वैक्सीन को लेकर यह तैयारी चल रही है और दूसरी तरफ अगर तीसरी लहर आती है, तो हम उसकी सारी तैयारियां कर रहे हैं। दिल्ली में कितने बेड की जरूरत पड़ेगी, कितने आईसीयू बेड बनाने की जरूरत पड़ेगी। कितनी ऑक्सीजन और ऑक्सीजन टैंकर खरीदने की जरूरत है, कितने ऑक्सीजन के स्टोरेज टैंक बनाने की जरूरत है। यह सब तैयारियां भी साथ-साथ चल रही है। लेकिन भगवान न करे कोई तीसरी लहर आए। भगवान करें कि सब लोग सुख, शांति और स्वस्थ रहें।