उन्नाव के बांगरमऊ थाना क्षेत्र के सब्जी विक्रेता फैजल(17) की पुलिस ने लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए जमकर पिटाई की थी। इतना ही नहीं थाने में भी खूब पिटाई की जहां उसकी हालत खराब हो गई। उसके बाद उसे तुरंत सीएचसी ले जाया गया जहां उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन उस सब्जी विक्रेता ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वहीं मामले में उसके परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है बल्कि ग्रामिणों ने जब थाने का घेराव किया तो 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की बात सामने आई। इसके साथ ही ग्रामिणों ने कार्रवाई और मुआवजा या सरकारी नौकरी की मांग भी की। वहीं अब इस मामले में उत्तर प्रदेश के विपक्ष ने भी योगी सरकार को घेरा है। जहां सपा ने इसे सरकार की ‘ठोक दो’ नीति पर हुई कस्टोडियल हत्या बताया है वहीं कांग्रेस ने योगी सरकार के सिस्टम को क्रूर बताया है जबकि आप ने इसे पुलिस लिंचिंग बताया है।
परिवार को 50 लाख का मुआवजा दे सरकार
समाजवादी पार्टी की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि ‘आपदा काल में भी जारी है CM के ‘ठोक दो’ आदेश पर UP पुलिस द्वारा कस्टोडियल हत्या! उन्नाव के बांगरमऊ में फैजल नाम के सब्जी विक्रेता की बर्बर पुलिस पिटाई से निर्मम हत्या विचलितकारी घटना है! दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई कर शोकाकुल परिवार को 50 लाख ₹ मुआवज़ा दे सरकार।’
मौत नहीं सरकारी हत्या-कांग्रेस
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अपना बयान जारी करते हुए सीधे सरकार पर हमला किया है, उन्होंने सवाल खड़ा किया है है कि ‘योगी सरकार का सिस्टम इतना क्रूर कैसे हो सकता है?’ आगे कहा गया कि ‘उन्नाव में सब्जी विक्रेता की पुलिस की पिटाई से हुई मौत शर्मनाक है। हालांकि यह मौत नहीं सरकारी हत्या है। सरकार ऐसी क्रूरता पर लगाम लगाए।’
CBI जांच की मांग
आम आदमी पार्टी के सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा, ‘आदित्यनाथ जी की पुलिस जेल में हथियार पहुंचने से नहीं रोक पाती, SSP व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी से रंगदारी मांगता है फिर हत्या करवा देता है, उन्नाव में सब्जीवाले युवक की ‘पुलिस लिंचिंग’ हो रही है, इतना पीटा कि फ़ैसल की मौत हो गई, घटना की CBI जांच हो, पुलिस की जांच पुलिस नहीं कर सकती।’
UP में ‘न जीने का हक है न न्याय की उम्मीद ‘
सपा से उन्नाव एमएलसी सुनील सिंह साजन ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘उन्नाव में पुलिसिया अत्याचार और बेलगामी लोगों की जान ले रही है। लाश के साथ लोग न्याय के लिए आस लगाए बैठे हैं। सत्ताधारी आकाओं के दबाव में निर्मम प्रशासन मूक है।ये है योगी जी का उत्तर प्रदेश मॉडल? जिसमें न लोगों के पास जीने का हक़ है, न न्याय की उम्मीद।’
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