लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पिछले साल चयनित किये गये 69000 शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर CM योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग 69000 शिक्षक भर्ती में नव चयनित शिक्षकों के ऑफलाइन वेरीफिकेशन के पेच को हटाते हुए आदेश जारी करने जा रहा है. कोरोना काल में बेसिक शिक्षकों को आर्थिक तंगी से ना जूझना पड़े, इसलिए विभाग ने यह बड़ा फैसला किया है. अब ऑफलाइन वेरिफिकेशन की जगह नव नियुक्त शिक्षकों को बीएसए कार्यालय में शपथ पत्र देना होगा।

बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती की पहली कॉउंसलिंग 12 अक्टूबर 2020 को हुई थी, जिसमें नियुक्ति पत्र 17 अक्टूबर को मिला था. वहीं दूसरी कॉउंसलिंग 2 से 4 दिसंबर 2020 को हुई थी। जिसमें 5 दिसंबर को नव चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिला था. ऐसे में वेरिफिकेशन में वर्ष 2003 के बाद का हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का डेटा तो ऑनलाइन है, लेकिन पहले के वर्षों के लिए ऑफलाइन वेरिफिकेशन की व्यवस्था है. बीएड व स्नातक (Graduation) की डिग्री का डाटा आज भी ऑनलाइन मौजूद नहीं है, जिस कारण कोरोना काल में विश्वविद्यालय से ऑफलाइन वेरिफिकेशन में तमाम दिक्कत आ रही थी।

बेसिक शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि शपथ पत्र के बाद यदि कोई त्रुटि वेरिफिकेशन में आती है तो विभाग FIR कराने के साथ शिक्षकों से वसूली भी कराएगा। बेसिक शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद प्रदेश के करीब 70 हज़ार शिक्षकों ने राहत की सांस ली है. बता दें कि प्रदेश में नव चयनित शिक्षकों की भर्ती के बाद से उन्हें सैलरी नहीं मिल पा रही थी, इसकी तमाम वजहों के साथ प्रमुख वजह वेरीफिकेशन को बताया गया था। लेकिन अब योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद नव चयनित शिक्षकों को सैलरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

इधर, सरकार की सफाई, नहीं हुई इतने शिक्षकों की मौत
उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों में ड्यूटी के दौरान शिक्षकों की कोरोना से मौत मामले में सियासत तेज हो गई है. एक तरफ विपक्ष हमलावर है, वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि कुछ शिक्षक संघ द्वारा 1621 शिक्षकों की मौत का जो आंकड़ा दिया गया है, वह पूर्णतया निराधार व गलत है. सरकार ने कहा कि 3 शिक्षकों की मौत हुई है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि भ्रामक सूचना के आधार पर विपक्ष के नेता गण ओछी राजनीति कर रहे हैं।


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