उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से तबाही जैसा मंजर बन गया है। संक्रमितों के साथ मरने वालों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। लोग अपनों का अंतिम संस्कार करने तक के लिए असहाय महसूस कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से तबाही जैसा मंजर बन गया है। संक्रमितों के साथ मरने वालों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। लोग अपनों का अंतिम संस्कार करने तक के लिए असहाय महसूस कर रहे हैं। नतीजा यह है कि गंगा घाटों पर अनगिनत शवों को रेत में दफनाया जा रहा है। जिसको लेकर कानपुर से लेकर बलिया तक कई जनपदों की खबरें सामने आ चुकी हैं। यही नहीं कई जगहों पर शव नदी में तैरते मिले, जिसके बाद लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

शवों के इस प्रकार दफ़न करने और गंगा में तैरने की ख़बरों के बाद सीएम योगी ने घाटों पर सख्त पहरेदारी बैठा दी। जिससे शव गंगा में न प्रवाहित हो सके। यहां तक कि कई स्थानों पर तो पीएसी बल की तैनाती भी कर दी गई। इसी बीच बलिया जनपद से बेहद संवेदनहीन खबर सामने आई है। यहां गंगा में बहकर आए शव को पहले तो डोम से निकलवाया गया फिर जब लकड़ियां नहीं मिल सकीं तो उस पर टायर रखा गया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई।
अमानवीयता की यह तस्वीर झकझोर देने वाली थी। जानकारी के अनुसार, बलिया के माल्देपुर गंगा घाट पर बहती लाश को निकाल कर अंतिम संस्कार के समय उस पर पेट्रोल छिड़क दिया गया, जिससे वह जल्दी जल जाए। चिता पर लकड़ी के साथ-साथ टायर भी रख दिए गए। हालांकि मामला सामने आने के बाद पांच सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया है। एसपी विपिन टाडा के मुताबिक, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है। मामले का पता चलते ही वहां मौजूद पांच पुलिसकर्मियों को संवेदनहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

बता दें वर्तमान में गंगा किनारे कितनी लाशें दफ़न हो रही हैं, इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है। ज्ञात हो सोमवार को यूपी में कोरोना के 9,391 नए मामले सामने आए। काफी समय बाद प्रदेश में नए केसों की संख्या 10 हजार से कम हुई है। रिकवरी रेट भी बढ़कर 90 फीसदी हो गया है। 24 घंटों के भीतर कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 23,445 बताई गई है। वहीं पूरे प्रदेश में 1 लाख 49 हजार 32 कोरोना के एक्टिव मरीज हैं।


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