गोरखपुर। गोरखनाथ के मोहम्मद सरफराज अहमद के इकलौटे बेटे का निकाह 18 मई को है और 20 मई को शहर के एक बड़े मैरिज हाउस में दावत-ए-वलीमा होना था। जिसका कार्ड बांटा जा चुका था, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उन्होंने दावत-ए-वलीमा दो महीने के लिए टाल दिया है। सरफराज अहमद ने दोस्तों एवं रिश्तेदारों को फाेनकर बता दिया है कि चूंकि शादी की तारीख छह माह पहले से तय है इसलिए सादगी के साथ दस लोगों की मौजूदगी में निकाह होगा और वलीमा हालात सुधरने के बाद होगा। सिर्फ सरफराज अहमद ने नहीं बल्कि सौ से ज्यादा लोगों ने कोरोना की वजह से शादियां टाल दी हैं या वलीमे की तिथि आगे बढ़ा दी है।
आमतौर पर लोग ईद के बाद शादी करना पसंद करते हैं। 18 से लेकर 30 मई तक सिर्फ शहर में पांच सौ से ज्यादा शादियां होनी है और महीनों पहले मैरिज हाउस बुक किए जा चुके हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और लाकडाउन की वजह से लोग सादगी से शादी करने या उसे आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। कार्ड देने के बावजूद लोगों से शादी में न आने की अपील की जा रही है। पिछले साल भी कोरोना की वजह से बहुत सी शादियों को टाल दिया गया था।
पुराना गोरखपुर निवासी रईस अहमद ने बताया कि रमजान से पहले ही बेटी की शादी का कार्ड बांट दिया था। अब लोगों से फोनकर कह रहे हैं कि कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए मेरी बेटी की शादी में शरीक न हों। हमने इस आयोजन को सादगी से करने का निर्णय लिया है। इसलिए खुद को जोखिम में डालकर शादी में आने की जरूरत नहीं है।

मैरेज हाल की बुकिंग रद कर रहे लोग

जाफरा बाजार के सिद्दीक अहमद ने बताया कि बेटे के वलीमे के लिए पांच सौ लोगों को आमंत्रण पत्र बांटे थे, लेकिन अब दो दिनों से अपने मेहमानों को नहीं आने के संदेश भेज रहे हैं। तिवारीपुर स्थित ताज पैलेस के संचालक मोहम्मद शारिक ने बताया कि इस महीने दोपहर और रात मिलाकर करीब 15 बुकिंग थी, लेकिन कई लोगों ने वलीमा कुछ दिनों के लिए टाल दिया है।

कुछ लोग दो माह बाद को कुछ बकरीद बाद वलीमा की तारीख रख रहे हैं। जो लोग तारीख आगे बढ़ा रहे हैं उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। दूसरी तरफ मुफ्ती अजहर शम्सी का कहना है कि शरई एतबार से सादगी के साथ शादी करना अच्छी बात है। शादी में दिखावा और फिजूलखर्ची नहीं होना चाहिए। खुशी की दावत कुछ दिन बाद भी हो तो हर्ज नहीं है।


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