प्रयागराज से एक ऐसी खबर सामने आई है जिससे की पुलिस विभाग के साथ ही साथ कई जिले के पुलिसकर्मियों में दहशत का माहौल है। वर्दी की आड़ में अवैध करोबारियों से गठजोड़ मामले में जोन के करीब 50 से भी अधिक पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पाई गई है। जिसमे जल्द ही कार्रवाई होगी। बता दें कि, इन सभी पर शराब माफिया, तस्कर और अवैध कारोबार से जुड़े लोगों से मिलीभगत के आरोप हैं। गोपनीय जांच के बाद पुलिस अधिकारियों ने मामले की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय और शासन को भेजी है, जिसके आधार पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। 
 पुलिस और माफियाओं का गठजोड़
बताते चलें कि, करीब दो माह पहले प्रतापगढ़, प्रयागराज और चित्रकूट जिले में जहरीली शराब से लगातार कई लोगों की मौत हुई थी। प्रयागराज के हंडिया थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा 14 लोगों की जान गई थी। घटना के बाद प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए पुलिस, प्रशासन और आबकारी विभाग के कई अफसरों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था। लेकिन जहरीली शराब से होने वाली मौत को लेकर उच्चाधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई थी। छानबीन में पता चला था कि सफेदपोश, पुलिस और माफिया के गठजोड़ से अवैध शराब का कारोबार फल फूल रहा है। फिर जोन के आठों जिलों में अवैध शराब से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई तो कई चेहरे बेनकाब हो गए। बड़े-बड़े अड्डों का भंडाफोड़ हुआ था।

शासन को भेजी रिपोर्ट

मामले में अधिकारियों का कहना है कि, घटना के बाद ही शासन स्तर से गोपनीय जांच करने का निर्देश मिला है। इसके लिए जिलेवार अलग-अलग टीमें बनाईं गईं और उनके बारे में जानकारी जुटाई गई। गोपनीय जांच में 50 से अधिक इंस्पेक्टर, दरोगा, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल की भूमिका संदिग्ध मिली। कुछ पुलिसकर्मियों की मदद से ही शराब माफिया व तस्कर अवैध शराब का कारोबार कर रहे थे। ऐसे लोगों की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय व शासन को भेजी गई है, जिन्हें जल्द ही प्रयागराज जोन से बाहर किया जाएगा।
 

मुख्यालय स्तर से कार्रवाई

वहीं मामले में प्रयागराज जोन के एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि गोपनीय जांच हुई थी, जिसमे कई पुलिसकर्मियों की संलिप्तता शराब के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के साथ होना पाया गया है। इन सभी के खिलाफ मुख्यालय स्तर से कार्रवाई शुरू हो रही है।

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