फिरोजाबद। सुहागनगरी में रमजान की आखरी जुमें की नमाज कोरोना माहमारी की गाइड लाइन का पालन करते हुये लोगो ने अपने घरों में ही रह कर अदा की। वही शहर की मस्जिदों में भी कोविड के नियमों का पालन करते हुये नमाज पढी गई। सभी ने नमाज पढकर कोरोना महामारी से निजात दिलाने की दुआ मांगी।
शुक्रवार को रमजान के आखिरी जुमा की नमाज मुस्लिम समाज के ज्यादातर लोगोंघरों में रह कर कोरोना के नियमों का पलन कर अदा की। घरों में बुजुर्गों, नौजवानों महिलाओं बच्चों ने नमाज पढ़कर अल्लाह से कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिये दुआ की। वही शहर की मस्जिदों मेवा फरोशान में मोहम्मद शफी कासमी, जामा मस्जिद में अशरफ अलीम, आगासाहब मस्जिद में मौलाना फारूक, शाही मस्जिद में मोहम्मद आरिफ, खजूरी मस्जिद में मुफ्ती कासिम, गालिब नगर में तनवीर उल कादरी, मदीना मस्जिद में मौलाना याकबी, मक्का मस्जिद में मौलाना अमीन अख्तर, शेख लतीफ में मुफ्ती तनवीर, कर्बला में वकील अहमद आदि इमामो ने मस्जिदों के अंदर कोरोना की नियमों का पलन करते हुये पांच लोगों के साथ नमाज पढ़ाई। जामा मस्जिद के इमाम साहब मौलाना अशरफ अली ने नमाज पढ़कर अल्लाह से इस महामारी को दूरकर शहर व देश में अमन चैन की दुआ की। करबला कमेटी के अध्यक्ष हिकमत उल्ला खान ने कहा कि करोना महामारी के चलते सरकारी गाइडलाइन के तहत सभी उलेमा किराम ने पांच लोगों के साथ नमाज अदा कराई। सभी मुस्लिम भाइयों ने सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने घरों में नमाज अदा की। साथ ही उन्होने लागोें से कोरोना के नियमों का पलन करने की अपील भी की।


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