नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने राज्यों से कोरोना की दूसरी लहर के लिए तैयार रहने को कहा था। साथ ही सरकार इस बात को लेकर सतर्क थी कि पूरा देश तैयार रहे। सरकार ने कहा, ‘किसी संभावित दूसरी लहर के दौरान देश को किसी तरह की कमी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने चार दिसंबर, 2020 (पहली लहर खत्म होने के बाद) को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को राज्य एवं जिलावार कोविड बेड एवं अन्य जरूरतों के बारे में लिखा था। अदालत इस तथ्य से समझ सकती है कि केंद्र सरकार सतर्क थी।’
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने सतर्कता को लेकर रखा पक्ष
केंद्र ने बताया कि 27 फरवरी, 2021 को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सुझाव दिया था कि बचाव के कदमों में ढील न दें और उल्लंघन पर सख्ती से निपटें। राज्यों से कहा गया था कि आंकड़े बहुत अहम हैं, इसलिए समय पर व सही आंकड़े उपलब्ध कराएं। आक्सीजन को लेकर भी सरकार ने बताया कि राज्यों की कुल जरूरत 8,462 टन है और 8,410 टन आक्सीजन आवंटित की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 अप्रैल को 50 हजार टन आक्सीजन आयात का भी टेंडर जारी कर दिया था।
समय-समय पर राज्यों को दिए गए सुझावों की दी जानकारी
केंद्र सरकार ने कहा कि शुरुआती अनुमान के मुकाबले बाद में आक्सीजन की मांग अचानक बढ़ी। दिल्ली का संशोधित अनुमान 133 फीसद अधिक था और उत्तर प्रदेश का 100 फीसद। वैक्सीन को लेकर केंद्र ने कहा कि टीकाकरण सरकार की प्राथमिकता में है। रेमडेसिविर को घर में इलाज ले रहे लोगों के लिए इस्तेमाल की अनुमति देने के सवाल पर केंद्र सरकार ने कहा कि रेमडेसिविर केवल मेडिकल प्रिस्कि्रप्शन पर कोरोना के गंभीर मरीजों को दी जाती है। मेडिकल प्रोटोकॉल के हिसाब से इसके प्रयोग को सीमित रखना जरूरी है।