उदयपुर, संवाद सूत्र। कोरोना महामारी से पहले से ही लोग त्रस्त हैं। जिन परिवारों के सदस्यों की कोरोना संक्रमण से हो चुकी, उनके अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम तथा राज्य सरकार के नि:शुल्क दावे के बावजूद उन्हें पंद्रह हजार रुपए दलालों को देने पड़ रहे हैं। इसका खुलासा उदयपुर के न्यायाधीश कुलदीप सोनी ने किया, जो गुरुवार रात उदयपुर शहर के हिरणमगरी स्थित श्मशानों की जांच के लिए पहुंचे।

न्यायाधीश सोनी कोविड मृतक के परिजन के रूप में श्मशान पहुंचे तथा वह हालात देखकर हैरान रह गए। उन्होंने पाया कि श्मशानों में दलालों ने रेट तय रखी है। कोविड मृतक का शव एम्बुलेंस से उतारकर चिता पर रखने के एवज में दलाल पंद्रह हजार रुपए मांग रहे थे। जबकि पीड़ित परिवार को लकड़ी की व्यवस्था स्वयं करनी थी। सेक्टर तेरह स्थित श्मशान में दाह संस्कार के एवज में निजी कंपनी का कर्मचारी 2100 रुपए मांग रहे थे। इस पर न्यायाधीश सोनी नगर निगम आयुक्त से बात की तथा ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए कहा।

न्यायाधीश सोनी ने सेक्टर तीन स्थित श्मशान का भी औचक निरीक्षण किया। जहां दाह संस्कार के लिए कोई मौजूद नहीं था। एक घंटे बाद चौकीदार श्यामलाल नहीं आया। बाद में उन्होंने कोविड मृतक का परिजन बनकर अंतिम संस्कार कराने वाले राजेश गौरण से बात की उसने दाह संस्कार के एवज में पंद्रह हजार रुपए की मांग की। साथ ही कहा कि बॉडी कोविड की नहीं होती तो वह तीन हजार रुपए ही लेता। न्यायाधीश ने जब चौकीदार श्यामलाल के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह कोरोना से मृत व्यक्ति की बॉडी अशोकनगर स्थित श्मशान ले जाएं, यहां अब उसका अंतिम संस्कार नहीं होगा।

नगर निगम के कोरोना से मृत लोगों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी निशुल्क में दिए जाने के विपरीत यहां न्यायाधीश से गौरव ने कहा कि बॉडी के वजन के हिसाब से लकड़ी की व्यवस्था उन्हें ही करनी होगी। जिसका खर्चा उन्हें देना होगा। लकड़ी जमाने का अलग से खर्चा लिया जाएगा। सेक्टर तेरह स्थित श्मशान में न्यायाधीश ने वहां मौजूद कर्मचारी से बात की तो उसने कहा कि पहले 2100 रुपए जमा कराने को कहा। वहां मौजूद इंद्र प्रकाश ने न्यायाधीश से कहा कि तीन पीढ़ियों से उनका श्मशान पर कब्जा है। यहां किसी का शव बिना पैसे जलाना संभव नहीं।

नगर निगम आयुक्त और पुलिस अधीक्षक को लिखा पत्र

न्यायाधीश कुलदीप सोनी ने श्मशानों में की जा रही अवैध वसूली को लेकर नगर निगम आयुक्त तथा जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है। इधर, नगर निगम ने पांच सदस्यीय टीम बनाई है जो श्मशानों में चल रहे अवैध वसूली पर लगाम लगाएंगे। निगम आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने बताया कि पांच कर्मचारी श्मशानों पर निगाह रखेंगे।


About Author

Join us Our Social Media