फिरोजाबाद। नवरात्री के चैथे दिन मां के भक्तों ने मां दुर्गा के चैथे स्वरूप मां कूष्माण्डा की विधि विधान से पूजा अर्चनाकर मन्नत मांगी।
शुक्रवार को मां दुर्गा के स्वरूप मां कूष्मांडा की घर-घर विधि-विधान के साथ पूजा की गई। मां के भक्त घरों में कलश स्थापित कर मां की आराधना कर रहे हैं। माता कूष्मांडा भक्तों को रोग, शोक और विनाश से मुक्त कर आयु, यश, बल और बुद्धि प्रदान करती हैं। कोरोना संक्रमण के चलते भक्तों का मंदिरों में थर्मल स्क्रीनिंग कर मास्क लगाकर प्रवेश दिया जा रहा है। मंदिरों में मातारानी के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। भक्त भी गाइड लाइन का पालन करते हुये मातारानी के दर्शन कर रहे है। मंदिर के अंदर पुरोहित मां के स्वरूपों की पूजा आरती और भोग अर्पण कर रहे हैं। मां अपनी मंद मुस्कान द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के नाम से जाना जाता है। यही सृष्टि की आदि स्वरूपा और आदि शक्ति हैं। इनका निवास सूर्यलोक में है। इन्हीं के तेज और प्रकाश से दसों दिशाएं प्रकाशित हो रही हैं। ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं। मां कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक भी नष्ट हो जाते हैं। मां के भक्तों ने कूष्मांडा के स्वरूप की पूजा आर्चना कर व्रत रख प्रसाद वितरित किया।
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