फिरोजाबाद। दाऊदयाल महिला पीजी काॅलेज में ‘‘हर राइट टू इक्वेलिटी, फ्राॅम प्रोमिस टू पाॅवर’’ विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें पूरी दुनिया से लगभग 200 से अधिक लोगों व छात्राओं ने आॅनलाइन प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. निशा अग्रवाल ने बताया कि भारत का संविधान प्रत्येक महिला को समानता अधिकार प्रदान करता है। आजादी के 74 सालों बाद भी महिलाओं को समाज के हर क्षेत्र में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय महिलाऐं प्रतिदिन 312 मिनट यानि लगभग पांच घंटे घरेलू कार्य करती है। जिसका उनको कोई भी पारिश्रमिक नहीं मिलता जबकि पुरूष प्रतिदिन सिर्फ 29 मिनट यानि लगभग आधा घंटा घर का कार्य करते है। जो कि एक बहुत बड़ी असमानता है। उन्होने कहा कि समाज में महिलाओं की स्थिति सही करने के लिए पुरूषों को भी आगे आना होगा। प्रबंध समिति की अध्यक्षा माला रस्तोगी ने बताया कि महिलाओं के प्रति समाज में व्याप्त बुराईयों को दूर करने के लिए स्वयं महिलाओं को ही आगे आना होगा तथा यह एक जनरेशन फाइट है। इसके लिए सभी को सहयोग करना होगा। तभी पुराने जमाने से चली आ रही महिलाओं से संबंधित बुराईयां दूर हो पायेंगी। इस अवसर पर छात्राओं ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। महाविद्यालय की प्राचार्या डा. विनीता गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान सचिव दीपक गोयल, सीओओ डा. विजय कुमार शर्मा, डा. पंकज कुुमार मिश्रा, आदि मौजूद रहे।


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