फिरोजाबाद। चाणक्य फाउंडेसन के प्रबंधक पं. अखिलेश शर्मा द्वारा मेडिकल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में अधिकतर मरीजों को बाहर रेफर किया जाता है। क्योंकि अधिकतर चिकित्सक आसपास स्थित नर्सिंग होम के मालिक है। सरकारी मेडिकल काॅलेज में कोई भी सुविधा न होने का बहाना बना अपने नर्सिंग होम में भर्ती करा देते है। उन्होंने कहा कि एक चिकित्सक द्वारा प्रिंसिपल के आशीर्वाद से हॉस्पीटल परिसर में नर्सिंग होम की तरह प्राइवेट क्लीनिक संचालित है। मेडिकल कॉलेज का मुख्य द्वार बंद करना मेडिकल प्रबंधन की मंशा को प्रकट करता है। कागजों पर चलने वाला मेडिकल कॉलेज आज गरीबों के काम नहीं आ रहा है। इलाज के लिए पहुंचने वाले लोगों के साथ प्राचार्य के कुछ लोगों द्वारा मारपीट की जाती है। मेडिकल में नियुक्त चिकित्सक निजी अस्पतालों में कार्य कर मोटी कमाई कर रहे हैं। एक महिला चिकित्सक द्वारा बस स्टैंड पर स्थित अपने पति के अल्ट्रासाउंड सेंटर पर मरीजों को भेजा जाता है। उन्होंने सुधार न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।


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