हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास एवं पन्द्रह हजार रूपये जुर्माने की सजा

जुर्माना अदा न करने पर नौ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा

मोबाइल चोरी के शक में नरेन्द्र की हत्या कर लाश नदी में फैंकी

फिरोजाबाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0 2 राम नरायन सिंह ने हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास एवं पन्द्रह हजार रूपये जुर्माने की सजा से दण्डित किया। जुर्माना अदा न करने पर नौ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

मामला थाना जसराना से जुड़ हुआ है। वादी जगदीश रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा है कि दिनांक 04 जुलाई 2010 को समय करीब 8.00 बजे शाम को राधे उर्फ राधेश्याम पुत्र गोविन्द सिंह व श्री निवास पुत्र वेदराम निवासीगण जरैला थाना जसराना उसके घर आये और उसके भाई नरेन्द्र को यह कहकर ले गये कि सूरजपाल निवासी गोविन्दपुर ने स्योडा बुलाया है। नरेन्द्र जब रात 11 बजे तक घर वापस नहीं आया तब जगदीश व गांव के श्याम सिंह, रामसिंह, रामकिशन आदि को लेकर राधेश्याम व श्रीनिवास के घर पता लगाने गये तो वहां पर नहीं मिले। राधेश्याम की माॅ ने बताया कि दोनों अभी कुछ देर पहले आये थे और जाते समय कह रहे थे कि नरेन्द्र मर गया है। इस पर गांव वालों के साथ मिलकर पता लगाते रहे तो अगले दिन स्योडा में सूरजपाल की मोटरसाइकिल पर राधेश्याम के साथ मिले जो हम लोगों को देखकर मोटरसाइकिल छोडकर भाग गये। दिनांक 07 जुलाई 2010 को सुबह करीब 9.00 बजे तलाश करने के दौरान नरेन्द्र की लाश जंगल स्योडा में सेंगर नदी में उतराती मिली है। नरेन्द्र के गले में उसी की शर्ट बंधी हुई है। हम लोगों को पूरा यकीन है कि नरेन्द्र की हत्या इन्हीं तीनों ने मिलकर कर दी है तथा लाश को छिपाने के लिए नदी में फैंक दिया है। लोगों ने बताया कि नरेन्द्र को ले जाने से एक दिन पहले चारों के बीच सूरजपाल का मोबाइल चोरी हो गया था और चोरी करने का शक नरेन्द्र पर था जिससे रंजिश मानकर तीनों ने नरेन्द्र की हत्या की है।

पुलिस ने अभियोग दर्ज कर विवेचना उपरान्त आरोपियों को गिरफतार कर जेल भेजा और विवेचक ने न्यायालय के समक्ष तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। सूरजपाल की मृत्यु होने के कारण आरोपी राधे उर्फ राधेश्याम एवं श्रीनिवास का मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में विचारण एवं निस्तारण हेतु भेजा गया। न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों पर आरोप लगाया। अभियुक्तों ने आरोप से इन्कार करते हुए सत्र परीक्षण की माॅग की। दौराने विचारण राधेश्याम की मृत्यु हो गयी और श्रीनिवास के मुकदमे का विचारण एवं सुनवाई की गयी। न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से तमाम गवाहों ने गवाही दी। शासन की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अजय कुमार यादव ने केस को साबित करने के लिए उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की तमाम नजीर न्यायालय के समक्ष पेश की।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम नरायन सिंह नेे दोनों पक्षों के तर्क सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध तमाम साक्ष्य का गहनता से अध्यन करने के बाद आरोपी श्रीनिवासन को दोषी पाते हुए खुले न्यायालय में सजा सुनाई।


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