डॉ कायनात काजी अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हुई सम्मानित
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, लेफिनेन्ट जनरल मनोज सिंहा जैसी शख्सियतों ने किया सममानित
एनसीआर में हुए कार्यक्रमों में मिले 3 सम्मान
फिरोजाबाद। जनपद की बेटी डा कायनात काजी को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 3 सम्मानों से नवाज़ा गया.
उन्हें नई दिल्ली स्थित इंडिया अन्तरराष्ट्रीय सेंटर में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित समारोह में जम्मू कश्मीर के लेफिनेन्ट जनरल मनोज सिन्हा और लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला , सिक्किम के पूर्व राज्यपाल बी पी सिंह एवं संसद मनोज तिवारी के हाथों प्राइड ऑफ़ नेशन एक्स्सिलेंस अवार्ड प्राप्त हुआ.
इसी क्रम में डा काज़ी को सत्वा नेशन की ओर से सत्वा आइकोनिक वेलनेस सम्मान मिला। वहीं तीसरा सम्मान ग्रेटर नॉएडा स्थित लोयड ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटयूशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारतीय जानता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं उच्चतम नयायालय की अधिवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा महिला शक्ति सम्मान 2021 से डॉ कायनात को सम्मानित किया गया.
डा कायनात काजी को यह सम्मान उनकी यात्राओं एवं महिला सशक्तिकरण के लिए दिए गए. डॉ. कायनात क़ाज़ी देश की एकमात्र सोलो फीमेल ट्रेवेलर हैं जिन्होंने चार साल में देश-विदेश में तकरीबन दो लाख किलोमीटर की दूरी तय कर एक लाख फ़ोटो का कलेक्शन किया है।
यायावरी के लिए उन्हें ढेरों पुरस्कार मिल चुके हैं। पिछले वर्ष उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा पर्यटन रत्न सम्मान से नवाज़ा गया । ब्लॉगिंग के लिए उन्हें एबीपी न्यूज़ के बेस्ट हिंदी ब्लॉगर का अवार्ड भी मिल चुका है। हिंदी साहित्य में पीएचडी कायनात राहगिरी (rahagiri.com) नाम से हिंदी का पहला ट्रेवल फ़ोटोग्राफ़ी ब्लॉग भी चलाती हैं। इनकी कई फ़ोटो प्रदर्शनियां लग चुकी हैं। कायनात ने एमबीए के साथ-साथ पत्रकारिता की भी पढ़ाई की है। कई मीडिया संस्थानों में काम भी किया, लेकिन मन नहीं रमा तो सब छोड़कर फ़ोटोग्राफी और लेखन में जुट गईं। ड़ॉ कायनात काजी की अभी तक पांच किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं,’कृष्णा सोबती का साहित्य और समाज’ कहानी संग्रह ‘बोगनवेलिया’ और हाल ही में प्रकाशित हुआ यात्रा वृत्तांत संकलन ‘ रहागिरी’। वह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्यरत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के एक महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट ” परमतपा” भारत की 12 महान महिलाओं की संघर्ष की दास्तान पर काम कर रही हैं। जिसके चलते उन्होंने पूरे देश में लद्दाख से कन्याकुमारी और गुजरात से नागालैण्ड तक की यात्राएं कर ऐसी 12 महान महिलाओं का साक्षात्कार किया है जिन्होंने न सिर्फ अपना बल्कि पूरे समाज का जीवन बदला है। फ़िलहाल वह मध्य प्रदेश शासन के लिए सतपुड़ा के जंगलों के भीतर देवगढ़ स्थित 16वीं शताब्दी की बावड़ियों एवं गोंड आदिवासी समाज पर एक कॉफी टेबल बुक को रूप देने में लगी हैं। डा कायनात काजी की स्नातक तक की पढाई शहर में स्थित महात्मा गाँधी बालिका डिग्री कालेज से हुई है. वह आज अपनी यात्राओं से देश- विदेश में अपने शहर फ़िरोज़ाबाद का नाम रोशन कर रही हैं.



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